में एक आम सी लड़की हूँ और शायद इसीलिए निर्भया की आपबीती अच्छे से समझ सकती हूँ। बस उसी भावनाओं को अल... में एक आम सी लड़की हूँ और शायद इसीलिए निर्भया की आपबीती अच्छे से समझ सकती हूँ। ब...
खुद ही में खुद मुस्कुराता हूँ खुद ही में खुद मुस्कुराता हूँ
मीठी सी आवाज लबों पे मधुर मुस्कान जिंदगी की मंजिल राह की शान।। मीठी सी आवाज लबों पे मधुर मुस्कान जिंदगी की मंजिल राह की शान।।
यह फ़क्र नही यह फर्क है। यह फ़क्र नही यह फर्क है।
मस्तक उन्नत, ले नव विहान। करने मानव का परित्राण, ओ! भरत भाग के स्वाभिमान। मस्तक उन्नत, ले नव विहान। करने मानव का परित्राण, ओ! भरत भाग के स्वाभिमान।
बस यूँ ही शब्दों से चित्र उकेरता हूँ बस यूँ ही शब्दों से चित्र उकेरता हूँ